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"चाही लड़की एटमबम / उमेश बहादुरपुरी" के अवतरणों में अंतर

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बलम मीठा पान खइबऽ की डाल दी जरदा। बलम ....
+
न अठारह से ऊपर न सोलह से कम
तनी आबऽ प्यार कर ल छोड़ के सब परदा।
+
चाही लड़की एटमबम, चाही लड़की एटमबम
मीठा पान खइबा तो खाली ओठ लाली।
+
गाल गुलाबी चाहिए नैन शराबी चाहिए
जरदा में दुनहुँ मजा होली अउ दीवाली।
+
ऊ लड़की में कोय नञ्  खराबी चाहिए
आझ दुनहुँ मिलके उड़ा देबै गरदा।। बलम ....
+
न बिलकुल हो ठंढा नञ्  जादे गरम
देखला होत जिनगी में ऐसन न´् जवानी।
+
चाही ....
हमरा में सटते याद आ जइथुन नानी।
+
नाटी चाहिए दाल छाँटी चाहिए
दूर-दूर भागऽ हऽ इहे हा मरदा।। बलम ....
+
सोलहो आना हमरा माल खाँटी चाहिए
बड़ी-बड़ी बात काहे बालऽ हऽ ए रानी।
+
कहके जो बोलवे तनी सुनऽ ए बलम
हमरा से टकरइते ही उतर जइतो पानी।
+
चाही ....
हमरा न´् खिसियाबऽ हम बक्सर के बरदा।।
+
शर्मीली चाहिए न कँटीली चाहिए
खिलाब मीठा पान या खिलाबऽ चाहे जरदा।
+
हमरा बस एगो छइल छबीली चाहिए
हर हाल में उठा देबो आझ तोहर परदा।
+
परदा वाली चाही न चाही बेशरम
बलम मीठा पान खइबा की डाल दी जरदा।।
+
चाही ....
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चंपा चाहिए न चमेली चाहिए
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हमरा बस एगो अलबेली चाहिए
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सुबह-शाम जे खिलाबे रोटी गरमा गरम
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चाही ....
  
 
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12:43, 14 मार्च 2019 के समय का अवतरण

न अठारह से ऊपर न सोलह से कम
चाही लड़की एटमबम, चाही लड़की एटमबम
गाल गुलाबी चाहिए नैन शराबी चाहिए
ऊ लड़की में कोय नञ् खराबी चाहिए
न बिलकुल हो ठंढा नञ् जादे गरम
चाही ....
नाटी चाहिए न दाल छाँटी चाहिए
सोलहो आना हमरा माल खाँटी चाहिए
कहके जो बोलवे तनी सुनऽ ए बलम
चाही ....
शर्मीली चाहिए न कँटीली चाहिए
हमरा बस एगो छइल छबीली चाहिए
परदा वाली चाही न चाही बेशरम
चाही ....
चंपा चाहिए न चमेली चाहिए
हमरा बस एगो अलबेली चाहिए
सुबह-शाम जे खिलाबे रोटी गरमा गरम
चाही ....