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"छो के सब परदा / उमेश बहादुरपुरी" के अवतरणों में अंतर

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बलम मीठा पान खइबऽ की डाल दी जरदा। बलम ....
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बलम मीठा पान खइबऽ की डाल दी जरदा
तनी आबऽ न प्यार कर ल छोड़ के सब परदा।
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बलम ....
मीठा पान खइबा तो खाली ओठ लाली।
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तनी आबऽ न प्यार कर ल छोड़ के सब परदा
जरदा में दुनहुँ मजा होली अउ दीवाली।
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मीठा पान खइबा तो खाली ओठ लाली
आझ दुनहुँ मिलके उड़ा देबै गरदा।। बलम ....
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जरदा में दुनहुँ मजा होली अउ दीवाली
देखला होत जिनगी में ऐसन न´् जवानी।
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आझ दुनहुँ मिलके उड़ा देबै गरदा
हमरा में सटते याद आ जइथुन नानी।
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बलम ....
दूर-दूर भागऽ हऽ इहे हा मरदा।। बलम ....
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देखला होत जिनगी में ऐसन नञ् जवानी
बड़ी-बड़ी बात काहे बालऽ हऽ ए रानी।
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हमरा में सटते याद आ जइथुन नानी
हमरा से टकरइते ही उतर जइतो पानी।
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दूर-दूर भागऽ हऽ इहे हा मरदा
हमरा न´् खिसियाबऽ हम बक्सर के बरदा।।
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बलम ....
खिलाब मीठा पान या खिलाबऽ चाहे जरदा।
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बड़ी-बड़ी बात काहे बालऽ हऽ ए रानी
हर हाल में उठा देबो आझ तोहर परदा।
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हमरा से टकरइते ही उतर जइतो पानी
बलम मीठा पान खइबा की डाल दी जरदा।।
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हमरा नञ् खिसियाबऽ हम बक्सर के बरदा
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खिलाब मीठा पान या खिलाबऽ चाहे जरदा
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हर हाल में उठा देबो आझ तोहर परदा
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बलम मीठा पान खइबा की डाल दी जरदा
  
 
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12:42, 14 मार्च 2019 के समय का अवतरण

बलम मीठा पान खइबऽ की डाल दी जरदा
बलम ....
तनी आबऽ न प्यार कर ल छोड़ के सब परदा
मीठा पान खइबा तो खाली ओठ लाली
जरदा में दुनहुँ मजा होली अउ दीवाली
आझ दुनहुँ मिलके उड़ा देबै गरदा
बलम ....
देखला होत जिनगी में ऐसन नञ् जवानी
हमरा में सटते याद आ जइथुन नानी
दूर-दूर भागऽ हऽ इहे हा मरदा
बलम ....
बड़ी-बड़ी बात काहे बालऽ हऽ ए रानी
हमरा से टकरइते ही उतर जइतो पानी
हमरा नञ् खिसियाबऽ हम बक्सर के बरदा
खिलाब मीठा पान या खिलाबऽ चाहे जरदा
हर हाल में उठा देबो आझ तोहर परदा
बलम मीठा पान खइबा की डाल दी जरदा