"हमरो वचनियाँ गे / ब्रह्मदेव कुमार" के अवतरणों में अंतर
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पिया- सुनै-सुनै-सुनै गे धनी, हमरोॅ बचनियाँ | पिया- सुनै-सुनै-सुनै गे धनी, हमरोॅ बचनियाँ | ||
धनी हमरोॅ बचनियाँ गे। | धनी हमरोॅ बचनियाँ गे। | ||
− | चलोॅ मिली साक्षरता अभियनमाँ रे | + | चलोॅ मिली साक्षरता अभियनमाँ रे की। |
धनी- सुनोॅ-सुनोॅ-सुनोॅ हो पिया, हमरी बचनियाँ | धनी- सुनोॅ-सुनोॅ-सुनोॅ हो पिया, हमरी बचनियाँ | ||
पिया हमरी बचनियाँ हो। | पिया हमरी बचनियाँ हो। | ||
− | कीये छेकै साक्षरता-अभियनमाँ रे | + | कीये छेकै साक्षरता-अभियनमाँ रे की। |
पिया- भारत सरकारें गे धनी, चलैलकै जे चलनमां | पिया- भारत सरकारें गे धनी, चलैलकै जे चलनमां | ||
गे चलैलकै जे चलनमां। | गे चलैलकै जे चलनमां। | ||
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धनी- पढ़ै-लिखै के हो पिया, नाहीं छै उमरिया | धनी- पढ़ै-लिखै के हो पिया, नाहीं छै उमरिया | ||
पिया नाहीं छै उमरिया हो। | पिया नाहीं छै उमरिया हो। | ||
− | हँसी आबै सुनी-सुनी तोरोॅ बतिया रे | + | हँसी आबै सुनी-सुनी तोरोॅ बतिया रे की। |
पिया- देखै नै उमरिया गे धनी, देखै नै सुरतिया | पिया- देखै नै उमरिया गे धनी, देखै नै सुरतिया | ||
धनी देखै नै सुरतिया गे। | धनी देखै नै सुरतिया गे। | ||
− | सबकेॅ साक्षर बनाय के नीतिया रे | + | सबकेॅ साक्षर बनाय के नीतिया रे की। |
धनी- बचपन बीतलै हो पिया, खेलिये-कूदिये पिया हो | धनी- बचपन बीतलै हो पिया, खेलिये-कूदिये पिया हो | ||
खेलिये-कूदिये पिया हो। | खेलिये-कूदिये पिया हो। | ||
− | पढ़ै-लिखै में जे लागै शरमियाँ रे | + | पढ़ै-लिखै में जे लागै शरमियाँ रे की। |
पिया- आहे! जैबो परदेशिया गे धनी, लिखबौ जे पतिया गे। | पिया- आहे! जैबो परदेशिया गे धनी, लिखबौ जे पतिया गे। | ||
− | लिखी-लिखी भेजबौ दिल केरोॅ बतिया रे | + | लिखी-लिखी भेजबौ दिल केरोॅ बतिया रे की। |
धनी- दिल के दरदिया हो पिया, पढ़ै के सपनमां | धनी- दिल के दरदिया हो पिया, पढ़ै के सपनमां | ||
पिया लिखै के सपनमां हो। | पिया लिखै के सपनमां हो। | ||
− | रही-रही कलपै मोरा परणमां रे | + | रही-रही कलपै मोरा परणमां रे की। |
पिया- निरक्षरता के कलंक गे धनी, देशोॅ के मथवा गे | पिया- निरक्षरता के कलंक गे धनी, देशोॅ के मथवा गे | ||
धनी देशवा के मथवा गे। | धनी देशवा के मथवा गे। | ||
पंक्ति 34: | पंक्ति 34: | ||
धनी- आबेॅ हम्हूँ पढ़भै हो पिया, आबेॅ हम्हूँ लिखबै हो | धनी- आबेॅ हम्हूँ पढ़भै हो पिया, आबेॅ हम्हूँ लिखबै हो | ||
पिया आबेॅ हम्हूँ सीखबै हो। | पिया आबेॅ हम्हूँ सीखबै हो। | ||
− | चलोॅ मिली जैबै साक्षरता-अभियनमां रे | + | चलोॅ मिली जैबै साक्षरता-अभियनमां रे की। |
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23:30, 2 मई 2019 के समय का अवतरण
पिया- सुनै-सुनै-सुनै गे धनी, हमरोॅ बचनियाँ
धनी हमरोॅ बचनियाँ गे।
चलोॅ मिली साक्षरता अभियनमाँ रे की।
धनी- सुनोॅ-सुनोॅ-सुनोॅ हो पिया, हमरी बचनियाँ
पिया हमरी बचनियाँ हो।
कीये छेकै साक्षरता-अभियनमाँ रे की।
पिया- भारत सरकारें गे धनी, चलैलकै जे चलनमां
गे चलैलकै जे चलनमां।
सबके पढ़ै-लिखै के योजनमां रे की।
धनी- पढ़ै-लिखै के हो पिया, नाहीं छै उमरिया
पिया नाहीं छै उमरिया हो।
हँसी आबै सुनी-सुनी तोरोॅ बतिया रे की।
पिया- देखै नै उमरिया गे धनी, देखै नै सुरतिया
धनी देखै नै सुरतिया गे।
सबकेॅ साक्षर बनाय के नीतिया रे की।
धनी- बचपन बीतलै हो पिया, खेलिये-कूदिये पिया हो
खेलिये-कूदिये पिया हो।
पढ़ै-लिखै में जे लागै शरमियाँ रे की।
पिया- आहे! जैबो परदेशिया गे धनी, लिखबौ जे पतिया गे।
लिखी-लिखी भेजबौ दिल केरोॅ बतिया रे की।
धनी- दिल के दरदिया हो पिया, पढ़ै के सपनमां
पिया लिखै के सपनमां हो।
रही-रही कलपै मोरा परणमां रे की।
पिया- निरक्षरता के कलंक गे धनी, देशोॅ के मथवा गे
धनी देशवा के मथवा गे।
केना के जे मिटैबै, मानोॅ मोरी बतिया रे की।
धनी- आबेॅ हम्हूँ पढ़भै हो पिया, आबेॅ हम्हूँ लिखबै हो
पिया आबेॅ हम्हूँ सीखबै हो।
चलोॅ मिली जैबै साक्षरता-अभियनमां रे की।