"भैया मल्हबा हो / ब्रह्मदेव कुमार" के अवतरणों में अंतर
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बटोहिन- भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के पार। | बटोहिन- भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के पार। | ||
− | मल्लाह- बहिन बटोहिन गे, फूटलोॅ छै नैया, टूटलोॅ | + | मल्लाह- बहिन बटोहिन गे, फूटलोॅ छै नैया, टूटलोॅ पतवार। |
बटोहिन-आखरोॅ हड़िया दही खिलैबौ, दूधोॅ दियबौ ढार। | बटोहिन-आखरोॅ हड़िया दही खिलैबौ, दूधोॅ दियबौ ढार। | ||
− | उमड़ल नदिया पार करी देॅ, टाका दियबौ | + | उमड़ल नदिया पार करी देॅ, टाका दियबौ चार। |
− | भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के | + | भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के पार। |
मल्लाह- ना हम खैबोॅ दूध आरोॅ दही, ना लेबौ टकवा चार। | मल्लाह- ना हम खैबोॅ दूध आरोॅ दही, ना लेबौ टकवा चार। | ||
आपनोॅ नाम जे लिख दे बहिनियाँ | आपनोॅ नाम जे लिख दे बहिनियाँ | ||
− | नैया में लिख दे | + | नैया में लिख दे हमार। |
− | बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ | + | बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ पार। |
बटोहिन- हम्में तोरा देबौ कतरी-मठिया, छनमा देबौ उतार। | बटोहिन- हम्में तोरा देबौ कतरी-मठिया, छनमा देबौ उतार। | ||
− | कौनों उपईयाँ पार करा देॅ, गुणमां गैबो | + | कौनों उपईयाँ पार करा देॅ, गुणमां गैबो तोहार। |
− | भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के | + | भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के पार। |
मल्लाह- ना हम लेबौ कतरी-मठिया, ना हम छनमा तोहार। | मल्लाह- ना हम लेबौ कतरी-मठिया, ना हम छनमा तोहार। | ||
− | एके उपईया सुन गे बहिनियाँ, नमुवां लिख दे | + | एके उपईया सुन गे बहिनियाँ, नमुवां लिख दे हमार। |
− | बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ | + | बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ पार। |
बटोहिन- पढ़ै-लिखै के मरम नै जानौं, नाहीं उमरिया हमार। | बटोहिन- पढ़ै-लिखै के मरम नै जानौं, नाहीं उमरिया हमार। | ||
− | कैसे नाम लिखबै हो भैया, कैसे उतरबै | + | कैसे नाम लिखबै हो भैया, कैसे उतरबै पार। |
− | भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के | + | भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के पार। |
मल्लाह- पढ़ै-लिखै बिना सुन गे बहिनियाँ, बेरथ जिनगी तोहार। | मल्लाह- पढ़ै-लिखै बिना सुन गे बहिनियाँ, बेरथ जिनगी तोहार। | ||
− | पढ़ै-लिखै के करै जे परणमां, वही खेबनमा | + | पढ़ै-लिखै के करै जे परणमां, वही खेबनमा हमार। |
− | बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ | + | बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ पार। |
बटोहिन- कर जोड़ूँ, पैयाँ पड़ूँ हो भैया, सुनोॅ अरजिया हमार। | बटोहिन- कर जोड़ूँ, पैयाँ पड़ूँ हो भैया, सुनोॅ अरजिया हमार। | ||
− | कानते होतै गोदी-बलकबा, फाटै करेजबा | + | कानते होतै गोदी-बलकबा, फाटै करेजबा हमार। |
− | भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के | + | भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के पार। |
मल्लाह- हमरो अरजिया सुन गे बहिनियाँ, मनमाँ में करैं विचार। | मल्लाह- हमरो अरजिया सुन गे बहिनियाँ, मनमाँ में करैं विचार। | ||
− | गोदी-बलकवा संग-संग पढ़तौ, होतौ सपनमां | + | गोदी-बलकवा संग-संग पढ़तौ, होतौ सपनमां साकार। |
− | बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ | + | बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ पार। |
बटोहिन- सुन-सुन के भैया, तोरोॅ वचनमाँ, डोलै मनमां हमार। | बटोहिन- सुन-सुन के भैया, तोरोॅ वचनमाँ, डोलै मनमां हमार। | ||
− | पढ़बै-लिखबै आजू सेॅ भैया, यही परणमां | + | पढ़बै-लिखबै आजू सेॅ भैया, यही परणमां हमार। |
− | भैया मल्हवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के | + | भैया मल्हवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के पार। |
मल्लाह-चाहेॅ फूटलोॅ नैया हमरोॅ, चाहेॅ टूटलोॅ पतवार। | मल्लाह-चाहेॅ फूटलोॅ नैया हमरोॅ, चाहेॅ टूटलोॅ पतवार। | ||
− | साक्षरता के नैया से बहिनियाँ, जिनगी के नदिया | + | साक्षरता के नैया से बहिनियाँ, जिनगी के नदिया पार। |
− | बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ | + | बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ पार। |
बटोहिन- भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के पार। | बटोहिन- भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के पार। | ||
− | मल्लाह- बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ | + | मल्लाह- बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ पार। |
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13:36, 2 मई 2019 के समय का अवतरण
बटोहिन- भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के पार।
मल्लाह- बहिन बटोहिन गे, फूटलोॅ छै नैया, टूटलोॅ पतवार।
बटोहिन-आखरोॅ हड़िया दही खिलैबौ, दूधोॅ दियबौ ढार।
उमड़ल नदिया पार करी देॅ, टाका दियबौ चार।
भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के पार।
मल्लाह- ना हम खैबोॅ दूध आरोॅ दही, ना लेबौ टकवा चार।
आपनोॅ नाम जे लिख दे बहिनियाँ
नैया में लिख दे हमार।
बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ पार।
बटोहिन- हम्में तोरा देबौ कतरी-मठिया, छनमा देबौ उतार।
कौनों उपईयाँ पार करा देॅ, गुणमां गैबो तोहार।
भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के पार।
मल्लाह- ना हम लेबौ कतरी-मठिया, ना हम छनमा तोहार।
एके उपईया सुन गे बहिनियाँ, नमुवां लिख दे हमार।
बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ पार।
बटोहिन- पढ़ै-लिखै के मरम नै जानौं, नाहीं उमरिया हमार।
कैसे नाम लिखबै हो भैया, कैसे उतरबै पार।
भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के पार।
मल्लाह- पढ़ै-लिखै बिना सुन गे बहिनियाँ, बेरथ जिनगी तोहार।
पढ़ै-लिखै के करै जे परणमां, वही खेबनमा हमार।
बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ पार।
बटोहिन- कर जोड़ूँ, पैयाँ पड़ूँ हो भैया, सुनोॅ अरजिया हमार।
कानते होतै गोदी-बलकबा, फाटै करेजबा हमार।
भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के पार।
मल्लाह- हमरो अरजिया सुन गे बहिनियाँ, मनमाँ में करैं विचार।
गोदी-बलकवा संग-संग पढ़तौ, होतौ सपनमां साकार।
बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ पार।
बटोहिन- सुन-सुन के भैया, तोरोॅ वचनमाँ, डोलै मनमां हमार।
पढ़बै-लिखबै आजू सेॅ भैया, यही परणमां हमार।
भैया मल्हवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के पार।
मल्लाह-चाहेॅ फूटलोॅ नैया हमरोॅ, चाहेॅ टूटलोॅ पतवार।
साक्षरता के नैया से बहिनियाँ, जिनगी के नदिया पार।
बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ पार।
बटोहिन- भैया मलहवा हो, नैया लगा देॅ नदिया के पार।
मल्लाह- बहिन बटोहिन गे, तोहरा उतारी देबौ हमेॅ पार।