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"बसंत / महेन्द्र भटनागर" के अवतरणों में अंतर

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अंग-अंग में उमंग आज तो पिया,<br>
 
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::बसंत आ गया !<br><BR>

18:46, 28 मार्च 2011 के समय का अवतरण

अंग-अंग में उमंग आज तो पिया,

बसंत आ गया !

दूर खेत मुसकरा रहे हरे-हरे,
डोलती बयार नव-सुगंध को धरे,
गा रहे विहग नवीन भावना भरे,
प्राण ! आज तो विशुद्ध भाव प्यार का

हृदय समा गया !

खिल गया अनेक फूल-पात से चमन ;
झूम-झूम मौन गीत गा रहा गगन,
यह लजा रही उषा कि पर्व है मिलन,
आ गया समय बहार का, विहार का

नया नया नया !