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शांत-प्रशांत समुद्र के अतल से  
 
शांत-प्रशांत समुद्र के अतल से  
 
 
उद्वेलित एक उत्ताल लहर
 
उद्वेलित एक उत्ताल लहर
 
 
वेगवती उमड़ती किसी नदी को  
 
वेगवती उमड़ती किसी नदी को  
 
 
समेट कर शांत करता सागर।
 
समेट कर शांत करता सागर।
 
  
 
किसी घोर निविड़तम से  
 
किसी घोर निविड़तम से  
 
 
वनपाखी का आह्वान  
 
वनपाखी का आह्वान  
 
 
प्रथम प्यास में ही चातक को  
 
प्रथम प्यास में ही चातक को  
 
 
जैसे स्वाति का संधान।  
 
जैसे स्वाति का संधान।  
 
  
 
अंध अतीत की श्रंखला से
 
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उज्ज्वल वर्तमान की कड़ी
 
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भविष्य के शून्य से
 
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पुनः अन्धतम में मुड़ती लड़ी  
 
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19:46, 24 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

शांत-प्रशांत समुद्र के अतल से
उद्वेलित एक उत्ताल लहर
वेगवती उमड़ती किसी नदी को
समेट कर शांत करता सागर।

किसी घोर निविड़तम से
वनपाखी का आह्वान
प्रथम प्यास में ही चातक को
जैसे स्वाति का संधान।

अंध अतीत की श्रंखला से
उज्ज्वल वर्तमान की कड़ी
भविष्य के शून्य से
पुनः अन्धतम में मुड़ती लड़ी