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"यातना / नोमान शौक़" के अवतरणों में अंतर
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− | बुझती हुई सिगरेट | + | बुझती हुई सिगरेट |
− | देर तक दबी रहे उंगलियों में | + | देर तक दबी रहे उंगलियों में |
− | तो जला डालती है | + | तो जला डालती है |
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− | किसी टूटे हुए रिश्ते को | + | मृत शरीर |
− | अन्तिम साँस तक संभाल कर | + | कितने ही प्रिय व्यक्ति का क्यों न हो |
− | जीने की चाह से | + | बदबू देने लगता है |
− | बड़ी नहीं होती | + | थोड़े समय बाद |
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+ | किसी टूटे हुए रिश्ते को | ||
+ | अन्तिम साँस तक संभाल कर | ||
+ | जीने की चाह से | ||
+ | बड़ी नहीं होती | ||
कोई यातना । | कोई यातना । | ||
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15:02, 16 अगस्त 2009 के समय का अवतरण
1.
बुझती हुई सिगरेट
देर तक दबी रहे उंगलियों में
तो जला डालती है
स्पर्श की संवेदना
2.
मृत शरीर
कितने ही प्रिय व्यक्ति का क्यों न हो
बदबू देने लगता है
थोड़े समय बाद
3.
किसी टूटे हुए रिश्ते को
अन्तिम साँस तक संभाल कर
जीने की चाह से
बड़ी नहीं होती
कोई यातना ।