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"लाज़िम है / कुमार सौरभ" के अवतरणों में अंतर

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''लाज़िम है''
 
''लाज़िम है''
 
''कि हम परखते रहें''
 
''कि हम परखते रहें''
''आप सुच्चे हैं, कि सड़ गये!'''
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''आप सुच्चे हैं या सड़ गये!''
  
  
 
''['''*'''न्यायतंत्र की पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करने और नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण एवं अन्य सभी प्रतिबद्ध नागरिकों के सतत संघर्ष को समर्पित]''
 
''['''*'''न्यायतंत्र की पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करने और नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण एवं अन्य सभी प्रतिबद्ध नागरिकों के सतत संघर्ष को समर्पित]''
 
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00:16, 17 अगस्त 2020 के समय का अवतरण

न्याय की सबसे ऊँची कुर्सियों पर बैठते हैं
इसलिए माननीय हैं
लेकिन आलोचना से परे कब हो गये?

नीयत सही हो
तो भरोसा जीतिए
कुछ टिप्पणियों-सवालों से
क्यों डर गये?

बहुत अहम काम
आपके ज़िम्मे है, साहब!
लाज़िम है
कि हम परखते रहें
आप सुच्चे हैं या सड़ गये!


[*न्यायतंत्र की पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करने और नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण एवं अन्य सभी प्रतिबद्ध नागरिकों के सतत संघर्ष को समर्पित]