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"विदा / अशोक वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर
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तुम चले जाओगे | तुम चले जाओगे | ||
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पर थोड़ा-सा यहाँ भी रह जाओगे | पर थोड़ा-सा यहाँ भी रह जाओगे | ||
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जैसे रह जाती है | जैसे रह जाती है | ||
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पहली बारिश के बाद | पहली बारिश के बाद | ||
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हवा में धरती की सोंधी-सी गंध | हवा में धरती की सोंधी-सी गंध | ||
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भोर के उजास में | भोर के उजास में | ||
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थोड़ा-सा चंद्रमा | थोड़ा-सा चंद्रमा | ||
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खंडहर हो रहे मंदिर में | खंडहर हो रहे मंदिर में | ||
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अनसुनी प्राचीन नूपुरों की झंकार| | अनसुनी प्राचीन नूपुरों की झंकार| | ||
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तुम चले जाओगे | तुम चले जाओगे | ||
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पर थोड़ी-सी हँसी | पर थोड़ी-सी हँसी | ||
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आँखों की थोड़ी-सी चमक | आँखों की थोड़ी-सी चमक | ||
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हाथ की बनी थोड़ी-सी कॉफी | हाथ की बनी थोड़ी-सी कॉफी | ||
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यहीं रह जाएँगे | यहीं रह जाएँगे | ||
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प्रेम के इस सुनसान में| | प्रेम के इस सुनसान में| | ||
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तुम चले जाओगे | तुम चले जाओगे | ||
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पर मेरे पास | पर मेरे पास | ||
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रह जाएगी | रह जाएगी | ||
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प्रार्थना की तरह पवित्र | प्रार्थना की तरह पवित्र | ||
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और अदम्य | और अदम्य | ||
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तुम्हारी उपस्थिति, | तुम्हारी उपस्थिति, | ||
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छंद की तरह गूँजता | छंद की तरह गूँजता | ||
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तुम्हारे पास होने का अहसास| | तुम्हारे पास होने का अहसास| | ||
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तुम चले जाओगे | तुम चले जाओगे | ||
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और थोड़ा-सा यहीं रह जाओगे| | और थोड़ा-सा यहीं रह जाओगे| | ||
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18:15, 8 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
तुम चले जाओगे
पर थोड़ा-सा यहाँ भी रह जाओगे
जैसे रह जाती है
पहली बारिश के बाद
हवा में धरती की सोंधी-सी गंध
भोर के उजास में
थोड़ा-सा चंद्रमा
खंडहर हो रहे मंदिर में
अनसुनी प्राचीन नूपुरों की झंकार|
तुम चले जाओगे
पर थोड़ी-सी हँसी
आँखों की थोड़ी-सी चमक
हाथ की बनी थोड़ी-सी कॉफी
यहीं रह जाएँगे
प्रेम के इस सुनसान में|
तुम चले जाओगे
पर मेरे पास
रह जाएगी
प्रार्थना की तरह पवित्र
और अदम्य
तुम्हारी उपस्थिति,
छंद की तरह गूँजता
तुम्हारे पास होने का अहसास|
तुम चले जाओगे
और थोड़ा-सा यहीं रह जाओगे|