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खगनियाँ
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जन्म | सत्रहवीं सदी के उत्तरार्ध में। |
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जन्म स्थान | ग्राम बासू, न्नाव, उत्तरप्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
रीतिकालीन कवि। अपनी पहेलियों के लिए हिन्दी साहित्य में याद की जाती हैं। ज्योतिप्रसाद मिश्र ’निर्मल’ द्वारा सम्पादित ’स्त्री कविता संग्रह’ नामक पुस्तक (1940) में खगनियाँ की कई पहेलियाँ संकलित हैं। | |
विविध | |
आदिकालीन साहित्य में अगर अमीर खुसरो की पहेलियों का सरस शब्दजाल दिखाई देता है तो रीतिकाल में खगनियाँ ने अपनी क़लम का जादू दिखाया और पहेलियाँ बुझाईं। इनके जीवन के बारे में बहुत जानकारी तो नहीं मिलती, पर इनकी पहेलियों को शोधकर्ताओं ने संकलित किया है। | |
जीवन परिचय | |
खगनियाँ / परिचय |
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