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"फागुन / जय गोस्वामी" के अवतरणों में अंतर
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पुलिस लाशों को टांगों से घसीटती हुई ले जाती है। | पुलिस लाशों को टांगों से घसीटती हुई ले जाती है। | ||
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पेड़ों पर हस्बेमामूल | पेड़ों पर हस्बेमामूल | ||
गहगहाकर खिले हैं पलाश ! | गहगहाकर खिले हैं पलाश ! |
20:43, 2 जनवरी 2010 के समय का अवतरण
धूल पर झरता है ख़ून
पुलिस लाशों को टांगों से घसीटती हुई ले जाती है।
आज है 14 मार्च! जबर्दस्त फागुन !
पेड़ों पर हस्बेमामूल
गहगहाकर खिले हैं पलाश !
बांग्ला से अनुवाद : सुशील गुप्ता