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"सालगिरह / रीटा डाव / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर

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बारह बरस गुज़र चुके हैं आज तक
 
बारह बरस गुज़र चुके हैं आज तक
आकुलताओं का नीला मोती वह मुँह में डाल लेता है ।
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वो आकुलताओं का नीला मोती मुँह में डाल लेता है ।
 
और इस तरह अपने सौभाग्य को भी चकमा देता है ।
 
और इस तरह अपने सौभाग्य को भी चकमा देता है ।
  
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और जितना समय पलक झपकने में लगता है
 
और जितना समय पलक झपकने में लगता है
उसे याद करने के लिए, बस, बचा उतना समय ।  
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उसे याद करने के लिए, बस, उतना समय बचता है ।  
  
 
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
 
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''

13:49, 27 अगस्त 2023 के समय का अवतरण

बारह बरस गुज़र चुके हैं आज तक
वो आकुलताओं का नीला मोती मुँह में डाल लेता है ।
और इस तरह अपने सौभाग्य को भी चकमा देता है ।

बिटिया के लिए आख़िरी
कुछ शब्द कहता है ...

और जितना समय पलक झपकने में लगता है
उसे याद करने के लिए, बस, उतना समय बचता है ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय

अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
              Rita Dove
             Anniversary

Twelve years to the day
He puts the blue worry bead into his mouth.
The trick is to swallow your good luck,too

Last words
to a daughter…

And a wink to remember him by