भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मेरी एक अरज़ है / सुरजीत पातर / योजना रावत" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुरजीत पातर |अनुवादक=योजना रावत |...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
}} | }} | ||
{{KKCatKavita}} | {{KKCatKavita}} | ||
+ | [[Category:पंजाबी भाषा]] | ||
<poem> | <poem> | ||
मेरी एक अरज़ है | मेरी एक अरज़ है | ||
पंक्ति 19: | पंक्ति 20: | ||
आने वाले दिन ताना तन रहे हैं | आने वाले दिन ताना तन रहे हैं | ||
मेरे घर में नए दिन बन रहे हैं । | मेरे घर में नए दिन बन रहे हैं । | ||
+ | |||
+ | '''पंजाबी से अनुवाद : योजना रावत''' | ||
</poem> | </poem> |
13:48, 13 जुलाई 2024 के समय का अवतरण
मेरी एक अरज़ है
अब इस घर में अब कोई कुफ़्र न तोलो ।
कोई फीका या रूखा बोल न बोलो
मुँह से कोई कड़वा सुखन न निकालो
न कहे कोई ऊँची - नीची बात
कि अब यह घर बहुत पावन - पवित्र है
कि अब इस घर में पल रहे हैं मेरे बेटे व बेटियाँ ।
मेरे घर में नया युग बन रहा है ।
आने वाले दिन ताना तन रहे हैं
मेरे घर में नए दिन बन रहे हैं ।
पंजाबी से अनुवाद : योजना रावत