"दोबाटोको गहिरो शून्यता / मौन आवाज" के अवतरणों में अंतर
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− | + | जङ्गलबाट फर्किरहेका चराहरूका गीतहरूलाई | |
− | + | दोबाटोमा भेटेँ ! | |
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− | + | सुकेका पातका मैला जड्यौरी ओडेर | |
− | + | सहरतिर | |
+ | आफन्तहरू खोज्न हिँडेका | ||
+ | आदिवासी रुखका जराहरूलाई पनि – | ||
+ | दोबाटोमा भेटेँ ! | ||
− | + | गाउँकी फुलमायाको बैंश सापटी मागेर | |
− | + | बेतोड कुदिरहेको हुरीलाई पनि – | |
− | + | दोबाटोमै भेटेँ ! | |
− | + | दीर्घ रोगको उपचार गर्न हिँडेको पहाडलाई | |
− | + | सुत्केरी नदीलाई | |
+ | कुपोषणग्रस्त गाउँ –बस्तीहरूलाई | ||
+ | दोबाटोमै भेटेँ ! | ||
− | + | युगभरीका अनगिन्ती विधवा आइमाईहरूलाई | |
− | + | अनाथ बालबालिकाहरूलाई | |
− | + | वृद्ध/वृद्धाहरूलाई – | |
+ | दोबाटोमा भेटेँ ! | ||
− | + | परलोकबाट घर खोज्दै आएका | |
− | + | मृत आत्माहरूलाई पनि – | |
− | + | दोबाटोमा भेटेँ ! | |
− | + | आकाशतिर हेर्दै बसेका घामकिरीहरूका स–साना आँखाहरू | |
− | + | र तिनका साहासी उडानहरू | |
+ | वर्षातमा हिलाम्य दहहरूबाट पुच्छर हल्लाइरहेका | ||
+ | चेपागाँडाहरू | ||
+ | अनौठो रसायन बाल्दै रात–रातभर घिस्रीरहेका जंगली गड्यौलाहरू | ||
+ | गर्भवती मृग | ||
+ | र भोको बाघलाई पनि दोबाटोमा भेटेँ ! | ||
− | + | अर्काकी स्वास्नी झ्यालबाट भगाएर | |
− | + | केही क्षण – | |
− | + | स्खलित हुन आएका सज्जन पुरुषहरू | |
+ | रोगी लोग्नेलाई कोठामा थुनेर | ||
+ | गुप्ताङ्ग कन्याउन निस्केका भद्र महिलाहरूलाई पनि – | ||
+ | दोबाटोमै भेटेँ ! | ||
− | + | कुखुरा चोरहरूलाई – | |
− | + | रङ्गेहात प्वाँख सहित | |
− | + | गँजेडीहरूलाई – | |
+ | एकपोका गाँजा सहित | ||
+ | खुँखार लुटेराहरूलाई – | ||
+ | पेस्तोल सहित | ||
+ | प्रेमीहरूलाई – | ||
+ | अनन्त प्रेम सहित | ||
+ | दोबाटोमै भेटेँ ! | ||
− | + | लास जलाएर फर्केका मलामीहरूलाई | |
− | + | नाच्दै हिँडेका – जन्तीहरूलाई | |
+ | दोबाटोमै भेटेँ ! | ||
− | + | पुजारी | |
− | + | र नामुद वेश्यालाई पनि – | |
− | + | दोबाटोमै भेटेँ ! | |
− | + | मुद्दा मामिलाहरूबाट फर्केका तनावग्रस्त मान्छेहरू | |
− | + | कामबाट फर्केका मजदुरहरू | |
− | + | कमिसन खाइ आएका दलालहरू | |
+ | चामल बोकि आएका गृहिणीहरू | ||
+ | स्कुलबाट फर्कंदै गरेका विद्यार्थीहरू | ||
+ | र – देश बेचेर आएका नेताहरूलाई पनि – | ||
+ | दोबाटोमै भेटेँ ! | ||
− | + | ईश्वर जस्तो – हिंसा | |
− | + | अक्षर जस्तो – रगत | |
+ | विचार जस्तो – हतियार | ||
+ | चुपचाप – | ||
+ | जीवनको गहिरो शुन्यता बोकेर हिँडेका | ||
+ | जो र जति भेटेँ दोबाटोमा – | ||
+ | ती सबै मेरै अनुहारहरू थिए ! | ||
+ | बिल्कुल – दिशाहिन | ||
+ | बिल्कुल – भ्रमित | ||
+ | बिल्कुल – शाश्वत ! | ||
− | + | मैले – | |
− | + | आफैँलाई दोबाटोमा भेटेँ ! | |
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15:38, 12 सितम्बर 2024 के समय का अवतरण
जङ्गलबाट फर्किरहेका चराहरूका गीतहरूलाई
दोबाटोमा भेटेँ !
सुकेका पातका मैला जड्यौरी ओडेर
सहरतिर
आफन्तहरू खोज्न हिँडेका
आदिवासी रुखका जराहरूलाई पनि –
दोबाटोमा भेटेँ !
गाउँकी फुलमायाको बैंश सापटी मागेर
बेतोड कुदिरहेको हुरीलाई पनि –
दोबाटोमै भेटेँ !
दीर्घ रोगको उपचार गर्न हिँडेको पहाडलाई
सुत्केरी नदीलाई
कुपोषणग्रस्त गाउँ –बस्तीहरूलाई
दोबाटोमै भेटेँ !
युगभरीका अनगिन्ती विधवा आइमाईहरूलाई
अनाथ बालबालिकाहरूलाई
वृद्ध/वृद्धाहरूलाई –
दोबाटोमा भेटेँ !
परलोकबाट घर खोज्दै आएका
मृत आत्माहरूलाई पनि –
दोबाटोमा भेटेँ !
आकाशतिर हेर्दै बसेका घामकिरीहरूका स–साना आँखाहरू
र तिनका साहासी उडानहरू
वर्षातमा हिलाम्य दहहरूबाट पुच्छर हल्लाइरहेका
चेपागाँडाहरू
अनौठो रसायन बाल्दै रात–रातभर घिस्रीरहेका जंगली गड्यौलाहरू
गर्भवती मृग
र भोको बाघलाई पनि दोबाटोमा भेटेँ !
अर्काकी स्वास्नी झ्यालबाट भगाएर
केही क्षण –
स्खलित हुन आएका सज्जन पुरुषहरू
रोगी लोग्नेलाई कोठामा थुनेर
गुप्ताङ्ग कन्याउन निस्केका भद्र महिलाहरूलाई पनि –
दोबाटोमै भेटेँ !
कुखुरा चोरहरूलाई –
रङ्गेहात प्वाँख सहित
गँजेडीहरूलाई –
एकपोका गाँजा सहित
खुँखार लुटेराहरूलाई –
पेस्तोल सहित
प्रेमीहरूलाई –
अनन्त प्रेम सहित
दोबाटोमै भेटेँ !
लास जलाएर फर्केका मलामीहरूलाई
नाच्दै हिँडेका – जन्तीहरूलाई
दोबाटोमै भेटेँ !
पुजारी
र नामुद वेश्यालाई पनि –
दोबाटोमै भेटेँ !
मुद्दा मामिलाहरूबाट फर्केका तनावग्रस्त मान्छेहरू
कामबाट फर्केका मजदुरहरू
कमिसन खाइ आएका दलालहरू
चामल बोकि आएका गृहिणीहरू
स्कुलबाट फर्कंदै गरेका विद्यार्थीहरू
र – देश बेचेर आएका नेताहरूलाई पनि –
दोबाटोमै भेटेँ !
ईश्वर जस्तो – हिंसा
अक्षर जस्तो – रगत
विचार जस्तो – हतियार
चुपचाप –
जीवनको गहिरो शुन्यता बोकेर हिँडेका
जो र जति भेटेँ दोबाटोमा –
ती सबै मेरै अनुहारहरू थिए !
बिल्कुल – दिशाहिन
बिल्कुल – भ्रमित
बिल्कुल – शाश्वत !
मैले –
आफैँलाई दोबाटोमा भेटेँ !
०००