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"तुम्हारा चेहरा है मातमी / गुन्नार एकिलोफ़" के अवतरणों में अंतर
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16:14, 13 फ़रवरी 2019 के समय का अवतरण
तुम्हारा चेहरा है मातमी
मुँह को घेरे हुए है एक स्याह लकीर
आँखें ढँकी हुई
तुम मना रही हो मातम
लेकिन अपने मृत बेटे का नहीं
तुम मना रही हो मातम
अपने अकेलेपन का
तभी तो
सभी अकेलों की आँखें मुड़ गई हैं
ओ अकेली ! तुम्हारी ओर
तुम्हारे अकेलेपन का दर्द
है हमारी अकेलेपन की ख़्वाहिश ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुधीर सक्सेना