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अदृश्य होने से पहले | अदृश्य होने से पहले |
22:37, 10 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
अदृश्य होने से पहले
शाम हर ओर फैला रही है
अपना महीन जाल
हर अवसाद में
स्पन्दित होने लगा है
हरेक अवसाद