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"तब्दीली / ब्रज श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर
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जाना-पहचाना सा कुछ भी | जाना-पहचाना सा कुछ भी | ||
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− | जो देखना चाहता | + | जो देखना चाहता हूँ |
नहीं दिखाई देता | नहीं दिखाई देता | ||
11:17, 21 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण
पर्दे के गिरने
और फिर उठने के बाद भी
नहीं दिखाई दिया
जाना-पहचाना सा कुछ भी
जो सुनना चाहता हूँ
नहीं कहा जाता अब
जो देखना चाहता हूँ
नहीं दिखाई देता
तब्दीली गुज़र रही है इधर से
अवसान और प्रस्थान के बीच
निर्मित हो रही है एक रेखा।