Last modified on 4 फ़रवरी 2009, at 14:40

"फूल वाला / तेज राम शर्मा" के अवतरणों में अंतर

(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तेज राम शर्मा |संग्रह=बंदनवार / तेज राम शर्मा}} [[Cate...)
 
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
|रचनाकार=तेज राम शर्मा
 
|संग्रह=बंदनवार / तेज राम शर्मा}}
 
[[Category:कविता]]
 
<poem>
 
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna

14:40, 4 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

माल रोड़ के उस छोर पर
बैठता है फूल बेचने वाला
अविरल बहती छोटी नदी के
किनारों से ढूँढ लया है
तरह-तरह के फूल

हर शाम
भीड़ उस को
अनदेखा कर
दौड़ती है सब्ज़ी-मंडी की ओर

बिरला कोई पुष्प-प्रेमी
जब ठिठकता है तो
छांटता है एक-दो-टहनी
समय को लांघ
खिलते रह सकें
फूल जिन पर सदा

देर रात
जब कुछ पियक्कड़
झूमते हुए निकलने लगते हैं
तो वह भी
मुरझाए फूलों को
कूड़े के ढेर पर डाल कर
खाली छब्बा लिए
कवि मुद्रा में
डग भरते हुए
अँधेरे में ओझल हो जाता है।