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"आने वाले दिनों में क्या होगा.. / श्रद्धा जैन" के अवतरणों में अंतर

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आने वाले दिनों में क्या होगा
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देख लेंगे, जो हौसला होगा
  
किसने जाना कि कल है क्या होगा
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आज जी भर के उसको रोने दो
कुरबतें या के फ़ासला होगा
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खुद से मिलना था मिल लिया होगा
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फूल में ताज़गी ग़ज़ब की है
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जल्द ही शाख़ से जुदा होगा
  
आज  रोया है वो तो रोने दो
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जिंदगी तू जो हार जायेगी
हो न हो ख़ुद से वो मिला होगा
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मौत को इससे हौसला होगा
  
चाँद जो पल में बन गया  मिट्टी
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सबको दुश्मन बना लिया मैंने
रात दिन किस तरह जला होगा
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कोई मुझसा भी सिरफिरा होगा
 
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ज़ुल्म करता नहीं वो बन्दों पर
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आज दुनिया का रब जुदा  होगा
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यूँ न ढूँढों यहाँ वफ़ा  "श्रद्धा"
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21:03, 8 जुलाई 2013 के समय का अवतरण

आने वाले दिनों में क्या होगा
देख लेंगे, जो हौसला होगा

आज जी भर के उसको रोने दो
खुद से मिलना था मिल लिया होगा
 
फूल में ताज़गी ग़ज़ब की है
जल्द ही शाख़ से जुदा होगा

जिंदगी तू जो हार जायेगी
मौत को इससे हौसला होगा

सबको दुश्मन बना लिया मैंने
कोई मुझसा भी सिरफिरा होगा