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"अजनबी बनता पहचान / मोहन राणा" के अवतरणों में अंतर
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देखें तो कौन रहता है इस घर में | देखें तो कौन रहता है इस घर में | ||
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किसी आश्चर्य की आशा | किसी आश्चर्य की आशा | ||
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धीरज से हाथ बाँधे खड़ा | धीरज से हाथ बाँधे खड़ा | ||
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मैं देता दस्तक दरवाज़े पर | मैं देता दस्तक दरवाज़े पर | ||
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सोचता-कितना पुराना है यह दरवाज़ा | सोचता-कितना पुराना है यह दरवाज़ा | ||
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सुनता झाडि़यों में उलझती हवा को | सुनता झाडि़यों में उलझती हवा को | ||
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ट्रैफिक के अनुनाद को | ट्रैफिक के अनुनाद को | ||
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सुनता अपनी सांस को बढ़ती एक धड़कन को | सुनता अपनी सांस को बढ़ती एक धड़कन को | ||
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पायदान पर जूते पौंछता | पायदान पर जूते पौंछता | ||
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दरवाज़े पे लगाता कान | दरवाज़े पे लगाता कान | ||
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कि लगा कोई निकट आया भीतर दरवाज़े के | कि लगा कोई निकट आया भीतर दरवाज़े के | ||
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बंद करता आँखें | बंद करता आँखें | ||
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देखता किसी हाथ को रुकते एक पल सिटकनी को छूते | देखता किसी हाथ को रुकते एक पल सिटकनी को छूते | ||
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निश्वास जैसे अनंत सिमटता वहीं पर, | निश्वास जैसे अनंत सिमटता वहीं पर, | ||
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भीतर भी | भीतर भी | ||
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बाहर भी | बाहर भी | ||
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मैं ही जैसे घर का दरवाज़ा | मैं ही जैसे घर का दरवाज़ा | ||
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अजनबी बनता | अजनबी बनता | ||
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पहचान बनाता | पहचान बनाता | ||
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15:39, 26 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण
देखें तो कौन रहता है इस घर में
किसी आश्चर्य की आशा
धीरज से हाथ बाँधे खड़ा
मैं देता दस्तक दरवाज़े पर
सोचता-कितना पुराना है यह दरवाज़ा
सुनता झाडि़यों में उलझती हवा को
ट्रैफिक के अनुनाद को
सुनता अपनी सांस को बढ़ती एक धड़कन को
पायदान पर जूते पौंछता
दरवाज़े पे लगाता कान
कि लगा कोई निकट आया भीतर दरवाज़े के
बंद करता आँखें
देखता किसी हाथ को रुकते एक पल सिटकनी को छूते
निश्वास जैसे अनंत सिमटता वहीं पर,
भीतर भी
बाहर भी
मैं ही जैसे घर का दरवाज़ा
अजनबी बनता
पहचान बनाता
रचनाकाल: 28.2.2006