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"कोई आकर पूछे / मोहन राणा" के अवतरणों में अंतर

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|संग्रह=पत्थर हो जाएगी नदी / मोहन राणा
 
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रुके और पहचान ले
 
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अरे तुम
 
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जैसे बस पलक झपकी
 
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कि रुक गया समय भी
 
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कुछ अधूरा दिख गया
 
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और याद करते
 
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कुछ अधूरा छूट गया  
 
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'''रचनाकाल: 1.8.2005
 
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1.8.2005
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17:55, 26 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

रुके और पहचान ले
अरे तुम
जैसे बस पलक झपकी
कि रुक गया समय भी
कुछ अधूरा दिख गया
और याद करते
कुछ अधूरा छूट गया
फिर से
चलत-चलते

रचनाकाल: 1.8.2005