"स्पष्टीकरण / प्रफुल्ल कुमार परवेज़" के अवतरणों में अंतर
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पत्नी से बतियाता हूँ | पत्नी से बतियाता हूँ | ||
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पत्नि से मासिक पति | पत्नि से मासिक पति | ||
ज़रूर छिन जाएगा | ज़रूर छिन जाएगा | ||
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21:45, 8 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण
हजूर
पगार की दुक्की पर
सदा पड़ी रहती है
ज़रूरतों को दहली
इसीलिए हजूर
रोज़ नहीं पीता
पीता हूँ
पहली की पहली
हाँ हुजूर
रोज़ नहीं पीता
पहली की पहली पीता हूँ
और सच तो यह है हजूर
यही चंद घड़ियाँ
महीने के महीने जीता हूँ
होश में चुड़ैल ज़िंदगी
भयानक छलावे करती है
पर एक पाव शराब से
बहुत-बहुत डरती है
पहली की पहली
ठेके के भीतर जाता है
महीने भर लुटा-पिटा मंगू
बाहर
मगन लाल आता है
पहली की पहली
मिठाई का दोना लिए
घर लौटता हूँ
हँसता हूँ हँसाता हूँ
बच्चे को बहलाता हूँ
देर गए रात तक
पत्नी से बतियाता हूँ
हुजूर
एक पव्वा न पीने से
ऊबड़-ख़ाबड़ सड़क
समतल तो
हो नहीं जाएगी
न ही पंचर गाड़ी में
हवा भर जाएगी
अलबत्ता
मासिक मगन लाल
ज़रूर मर जाएगा
बच्चे से मासिक पिता
पत्नि से मासिक पति
ज़रूर छिन जाएगा