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"बौर / रघुवीर सहाय" के अवतरणों में अंतर

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नीम में बौर आया
 
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20:44, 17 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

नीम में बौर आया

इसकी एक सहज गन्ध होती है
मन को खोल देती है गन्ध वह
जब मति मन्द होती है

प्राणों ने एक और सुख का परिचय पाया ।

(1954)