भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पहला चुंबन / अशोक वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
छो |
|||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार=अशोक वाजपेयी | |रचनाकार=अशोक वाजपेयी | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatKavita}} | |
<poem> | <poem> | ||
एक जीवित पत्थर की दो पत्तियाँ | एक जीवित पत्थर की दो पत्तियाँ |
18:10, 8 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
एक जीवित पत्थर की दो पत्तियाँ
रक्ताभ, उत्सुक
काँपकर जुड़ गई
मैंने देखा :
मैं फूल खिला सकता हूँ।
(1960)