भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"स्मृति और विस्मृति / सौरीन्द्र बारिक" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Kumar mukul (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: विस्मृति की अंधी गली में स्मृति के दो बत्तीवाले स्तम्भ एक ह...) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
+ | {{KKGlobal}} | ||
+ | {{KKRachna | ||
+ | |रचनाकार=सौरीन्द्र बारिक | ||
+ | |संग्रह= | ||
+ | }} | ||
+ | <Poem> | ||
+ | |||
विस्मृति की अंधी गली में | विस्मृति की अंधी गली में | ||
स्मृति के दो बत्तीवाले स्तम्भ | स्मृति के दो बत्तीवाले स्तम्भ | ||
एक है तुमसे मिलन | एक है तुमसे मिलन | ||
दूसरा है विदा। | दूसरा है विदा। | ||
+ | |||
+ | '''मूल उड़िया से अनुवाद - वनमाली दास | ||
+ | </poem> |
21:09, 17 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण
विस्मृति की अंधी गली में
स्मृति के दो बत्तीवाले स्तम्भ
एक है तुमसे मिलन
दूसरा है विदा।
मूल उड़िया से अनुवाद - वनमाली दास