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"नाहिन भजिबे जोग बियो / तुलसीदास" के अवतरणों में अंतर

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नाहिन भजिबे जोग बियो।
 
नाहिन भजिबे जोग बियो।
 
श्रीरघुबीर समान आन को पूरन कृपा हियो॥
 
श्रीरघुबीर समान आन को पूरन कृपा हियो॥
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भजन प्रभाउ बिभीषन भाष्यौ सुनि कपि कटक जियो।
 
भजन प्रभाउ बिभीषन भाष्यौ सुनि कपि कटक जियो।
 
तुलसिदासको प्रभु कोसलपति सब प्रकार बरियो॥
 
तुलसिदासको प्रभु कोसलपति सब प्रकार बरियो॥
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22:37, 26 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

नाहिन भजिबे जोग बियो।
श्रीरघुबीर समान आन को पूरन कृपा हियो॥
कहहु कौन सुर सिला तारि पुनि केवट मीत कियो ?।
कौने गीध अधमको पितु ज्यों निज कर पिण्ड दियो?॥
कौन देव सबरीके फल करि भोजन सलिल पियो?।
बालित्रास-बारिधि बूड़त कपि केहि गहि बाँह लियो?।
भजन प्रभाउ बिभीषन भाष्यौ सुनि कपि कटक जियो।
तुलसिदासको प्रभु कोसलपति सब प्रकार बरियो॥