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11:48, 1 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
मुँह पे झुर्री
हाथ पे झुर्री
पैर में फटी बिवाई
पीर कमर में
नीर नज़र में
कुछ ना पड़े दिखाई
केवल गलियारे से जाते
हँसते, गाते और बतियाते
एक बहन, एक भाई
पीछे-पीछे उनकी ताई
कहाँ की झुर्री
कहाँ बिवाई!
अरे, सब ही तो
पड़े दिखाई
बहन, भाई
बापू और माई।