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"चिंगारियाँ / सुकेश साहनी" के अवतरणों में अंतर

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तुम जो पाँच सौ दे रहे हो
 
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एक हज़ार पर अँगूठे लगवा रहे हो
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तुम मेरे सीताराम नहीं हो सकते !
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तुम जो करते थे जनवाद की बातें
 
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गोर्की और प्रेमचन्द् की बातें
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घर से घर को जोड़ने की बातें
 
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वही तुम ?!
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अपने लिए महल बनवा रहे हो
 
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और कोई बना न ले
 
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तुमसे अच्छा महल
 
तुमसे अच्छा महल
इस डर से  
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निर्माण पूरा होते ही
 
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कारीगरों की अँगुलियों कटवाने की
 
कारीगरों की अँगुलियों कटवाने की
 
योजना बना रहे हो
 
योजना बना रहे हो
तुम मेरे यार नहीं हो सकते !
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तुम मेरे यार नहीं हो सकते!
 
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मेरे अजीज दोस्त सीताराम!
मेरे अजीज दोस्त सीताराम !
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हाँ, मैं उदास हूँ
तुम्हें भी नहीं मालूम शायद–
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तुम्हारे बेटे के बेटे के लिए-
तुम मर चुके हो,
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नन्हें बंटी के लिए
ऊँची उड़ान में
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केबिल टी.वी. में
अपने बेटों के साथ जल चुके हो
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जब एक आदमी दूसरे की गर्दन दबाता है
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दूसरा आदमी हाथ पैर फेंकता है
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मछली-सा छटपटाता है
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तब नन्हा बंटी तालियाँ पीटता है
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खिलखिलाता है
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हां, मैं चिन्तित हूँ
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नई पौध की राख होती संवेदनाओं के लिए
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अभी शेष हैं
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राख के ढेर में कुछ चिंगारियाँ
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इन्हें जिलाना होगा
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नन्हे बंटी को बचाना होगा
  
अब तुम जो हो
 
वह मेरा लंगोटिया यार कैसे हो सकता है?
 
 
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03:59, 29 अक्टूबर 2018 के समय का अवतरण

तुम जो पैसा बो रहे हो
पैसा काट रहे हो
तुम जो पैसा ओढ़ रहे हो
पैसा बिछा रहे हो
तुम जो पाँच सौ दे रहे हो
एक हजार पर अँगूठे लगवा रहे हो
तुम मेरे सीताराम नहीं हो सकते!
तुम जो करते थे जनवाद की बातें
गोर्की और प्रेमचन्द्र की बातें
घर से घर को जोड़ने की बातें
वही तुम?!
अपने लिए महल बनवा रहे हो
और कोई बना न ले
तुमसे अच्छा महल
इस डर से
निर्माण पूरा होते ही
कारीगरों की अँगुलियों कटवाने की
योजना बना रहे हो
तुम मेरे यार नहीं हो सकते!
मेरे अजीज दोस्त सीताराम!
हाँ, मैं उदास हूँ
तुम्हारे बेटे के बेटे के लिए-
नन्हें बंटी के लिए
केबिल टी.वी. में
जब एक आदमी दूसरे की गर्दन दबाता है
दूसरा आदमी हाथ पैर फेंकता है
मछली-सा छटपटाता है
तब नन्हा बंटी तालियाँ पीटता है
खिलखिलाता है
हां, मैं चिन्तित हूँ
नई पौध की राख होती संवेदनाओं के लिए
अभी शेष हैं
राख के ढेर में कुछ चिंगारियाँ
इन्हें जिलाना होगा
नन्हे बंटी को बचाना होगा