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नजर मौसम की
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हवाओं की चाल पर है
 
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नजर मौसम की
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नज़र मौसम की
  
कहां तीखा घाम
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कहाँ तीखा घाम
बरखा कहां होनी है
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बरखा कहाँ होनी है
 
किस जगह के चेहरे की
 
किस जगह के चेहरे की
 
मैल धोनी है
 
मैल धोनी है
कहां गूंजेगी
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ध्वनि अविराम सरगम की
 
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नापनी है चाल धड़कन की
 
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उछालों की
 
उछालों की
भोर की आंखें
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भोर की आँखें
 
उमंगों से भरी चमकी
 
उमंगों से भरी चमकी
  

17:51, 24 अगस्त 2009 के समय का अवतरण

नज़र मौसम की
हवाओं की चाल पर है
नज़र मौसम की

कहाँ तीखा घाम
बरखा कहाँ होनी है
किस जगह के चेहरे की
मैल धोनी है
कहाँ गूँजेगी
ध्वनि अविराम सरगम की

है अभी उलझी
हुई गुत्थी सवालों की
नापनी है चाल धड़कन की
उछालों की
भोर की आँखें
उमंगों से भरी चमकी

हर परिन्दे की
उड़ान चाह होती है
आंधियों में गुम न कोई
राह होती है
चिलचिलाती धूप में
बेला न क्या गमकी