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"पंडिज्जी / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर
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15:22, 10 अगस्त 2012 के समय का अवतरण
अरे भैया, पंडिज्जी ने पोथी बन्द कर दी है।
पंडिज्जी ने चश्मा उतार लिया है
पंडिज्जी ने आँखें मूँद ली हैं
पंडिज्जी चुप-से हो गये हैं।
भैया, इस समय
पंडिज्जी
फ़कत आदमी हैं।
नयी दिल्ली, अप्रैल, 1980