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"आवाज़ दो / रवीन्द्र दास" के अवतरणों में अंतर

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आवाज़ दो मुझे
 
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पुकारो मेरा नाम बार-बार
 
पुकारो मेरा नाम बार-बार
 
 
इसी से होता है अहसास
 
इसी से होता है अहसास
 
 
होने का
 
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होता है गुमान
 
होता है गुमान
 
 
कि नहीं हुआ हूँ गुम
 
कि नहीं हुआ हूँ गुम
 
 
अनजानी गलियों में  
 
अनजानी गलियों में  
 
 
तेरी आवाज़ से  
 
तेरी आवाज़ से  
 
 
हो पाता है यकीन
 
हो पाता है यकीन
 
 
कि नहीं हुआ हूँ ओझल  
 
कि नहीं हुआ हूँ ओझल  
 
 
अपनी ही नज़रों से  
 
अपनी ही नज़रों से  
 
 
चाहता हूँ  
 
चाहता हूँ  
 
 
बने रहना अपनी नज़रों में  
 
बने रहना अपनी नज़रों में  
 
 
आवाज़ दो मुझे
 
आवाज़ दो मुझे
 
 
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23:28, 6 जून 2009 के समय का अवतरण

आवाज़ दो मुझे
पुकारो मेरा नाम बार-बार
इसी से होता है अहसास
होने का
होता है गुमान
कि नहीं हुआ हूँ गुम
अनजानी गलियों में
तेरी आवाज़ से
हो पाता है यकीन
कि नहीं हुआ हूँ ओझल
अपनी ही नज़रों से
चाहता हूँ
बने रहना अपनी नज़रों में
आवाज़ दो मुझे