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"सुबह दे दो/ इब्बार रब्बी" के अवतरणों में अंतर
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19:27, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
मुझे मेरी सुबह दे दो
सुबह से कम कुछ भी नहीं
सूरज से अलग कुछ भी नहीं
लाल गर्म सूरज
जोंक और मकोड़ों को जलाता हुआ
सुबह से कम कुछ भी नहीं।
रचनाकाल : फ़रवरी 1978