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"अपने जन्मदिन पर-2 / प्रेमचन्द गांधी" के अवतरणों में अंतर
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21:07, 31 मई 2009 के समय का अवतरण
बढ़ती जा रही है बालों मे सफे़दी
कम होते जा रहे हैं आकर्षण
स्मृति से लुप्त होते जा रहे हैं
सहपाठियों के नाम और चेहरे
संघर्ष भरे दिन
आज भी दहला देते हैं दिल
शायद अब न लड़ सकूँ पहले की तरह