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"पानी में मीन प्यासी / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर
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पानी में मीन प्यासी। मोहे सुन सुन आवत हांसी॥ध्रु०॥ | पानी में मीन प्यासी। मोहे सुन सुन आवत हांसी॥ध्रु०॥ | ||
आत्मज्ञानबिन नर भटकत है। कहां मथुरा काशी॥१॥ | आत्मज्ञानबिन नर भटकत है। कहां मथुरा काशी॥१॥ | ||
भवसागर सब हार भरा है। धुंडत फिरत उदासी॥२॥ | भवसागर सब हार भरा है। धुंडत फिरत उदासी॥२॥ | ||
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। सहज मिळे अविनशी॥३॥ | मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। सहज मिळे अविनशी॥३॥ | ||
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18:25, 1 जनवरी 2010 के समय का अवतरण
पानी में मीन प्यासी। मोहे सुन सुन आवत हांसी॥ध्रु०॥
आत्मज्ञानबिन नर भटकत है। कहां मथुरा काशी॥१॥
भवसागर सब हार भरा है। धुंडत फिरत उदासी॥२॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। सहज मिळे अविनशी॥३॥