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मत रहो घर के अन्दर | मत रहो घर के अन्दर | ||
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सिर्फ़ इसलिए | सिर्फ़ इसलिए | ||
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कि सड़क पर खतरे बहुत हैं। | कि सड़क पर खतरे बहुत हैं। | ||
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चारदीवारियाँ निश्चित करने लगें जब | चारदीवारियाँ निश्चित करने लगें जब | ||
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तुम्हारे व्यक्तित्व की परिभाषाएँ | तुम्हारे व्यक्तित्व की परिभाषाएँ | ||
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तो डरो। | तो डरो। | ||
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खो जायेगी तुम्हारी पहचान | खो जायेगी तुम्हारी पहचान | ||
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अँधेरे में, | अँधेरे में, | ||
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तुम्हारी क्षमताओं का विस्तार बाधित होगा | तुम्हारी क्षमताओं का विस्तार बाधित होगा | ||
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डरो। | डरो। | ||
सड़क पर आने से मत डरो | सड़क पर आने से मत डरो | ||
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मत डरो कि वहाँ | मत डरो कि वहाँ | ||
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कोई छत नहीं है सिर पर। | कोई छत नहीं है सिर पर। | ||
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तुमने क्या महसूसा नहीं अब तक | तुमने क्या महसूसा नहीं अब तक | ||
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कि अपराध और अँधेरे का गणित | कि अपराध और अँधेरे का गणित | ||
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एक होता है? | एक होता है? | ||
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और अँधेरा घर के अन्दर भी | और अँधेरा घर के अन्दर भी | ||
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कुछ कम नहीं है। | कुछ कम नहीं है। | ||
डरना ही है तो अँधेरे से डरो | डरना ही है तो अँधेरे से डरो | ||
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घर के अन्दर रहकर, | घर के अन्दर रहकर, | ||
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घर का अँधेरा, | घर का अँधेरा, | ||
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बनने से डरो। | बनने से डरो। | ||
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01:28, 16 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण
मत रहो घर के अन्दर
सिर्फ़ इसलिए
कि सड़क पर खतरे बहुत हैं।
चारदीवारियाँ निश्चित करने लगें जब
तुम्हारे व्यक्तित्व की परिभाषाएँ
तो डरो।
खो जायेगी तुम्हारी पहचान
अँधेरे में,
तुम्हारी क्षमताओं का विस्तार बाधित होगा
डरो।
सड़क पर आने से मत डरो
मत डरो कि वहाँ
कोई छत नहीं है सिर पर।
तुमने क्या महसूसा नहीं अब तक
कि अपराध और अँधेरे का गणित
एक होता है?
और अँधेरा घर के अन्दर भी
कुछ कम नहीं है।
डरना ही है तो अँधेरे से डरो
घर के अन्दर रहकर,
घर का अँधेरा,
बनने से डरो।