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रहते आए | रहते आए | ||
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जनम जनम से | जनम जनम से | ||
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अमलदारियों में इन-उनकी | अमलदारियों में इन-उनकी | ||
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रंग, रूप, खुशबू की खातिर | रंग, रूप, खुशबू की खातिर | ||
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खिले क्यारियों में इन-उनकी। | खिले क्यारियों में इन-उनकी। | ||
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हाल पूछते हो क्या अपने? | हाल पूछते हो क्या अपने? | ||
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आते नहीं नींद में सपने | आते नहीं नींद में सपने | ||
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रातें रहीं बदलती करवट | रातें रहीं बदलती करवट | ||
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बेकरारियों में इन-उनकी। | बेकरारियों में इन-उनकी। | ||
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अपने करे धरे पर पानी | अपने करे धरे पर पानी | ||
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फेर रहे हैं वो लासानी | फेर रहे हैं वो लासानी | ||
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नाचा किए विवश हो होकर, | नाचा किए विवश हो होकर, | ||
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हम नचारियों में इन-उनकी। | हम नचारियों में इन-उनकी। | ||
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बिना पोस्टर के विज्ञापित | बिना पोस्टर के विज्ञापित | ||
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बिकने को हैं हम अभिशापित | बिकने को हैं हम अभिशापित | ||
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दबे हुए हैं जाने कब से | दबे हुए हैं जाने कब से | ||
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हम बुखारियों में इन-उनकी। | हम बुखारियों में इन-उनकी। | ||
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11:41, 13 जनवरी 2010 के समय का अवतरण
रहते आए
जनम जनम से
अमलदारियों में इन-उनकी
रंग, रूप, खुशबू की खातिर
खिले क्यारियों में इन-उनकी।
हाल पूछते हो क्या अपने?
आते नहीं नींद में सपने
रातें रहीं बदलती करवट
बेकरारियों में इन-उनकी।
अपने करे धरे पर पानी
फेर रहे हैं वो लासानी
नाचा किए विवश हो होकर,
हम नचारियों में इन-उनकी।
बिना पोस्टर के विज्ञापित
बिकने को हैं हम अभिशापित
दबे हुए हैं जाने कब से
हम बुखारियों में इन-उनकी।