भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चाँद / शमशाद इलाही अंसारी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शमशाद इलाही अंसारी |संग्रह= }} <poem> यह ख़ूबसूरत चमक...)
 
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=
 
}}
 
}}
 +
{{KKAnthologyChand}}
 +
{{KKCatKavita}}
 
<poem>
 
<poem>
 
यह ख़ूबसूरत
 
यह ख़ूबसूरत

22:44, 1 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

यह ख़ूबसूरत
चमकता हुआ चाँद

इससे पहले
कि शहर की
लगातार उगती हुई इमारतें
बदरंग रोशनियाँ और धुआँ
निगल जाए इसे,

आओ -
इस चाँद को जी भर देख लें.

रचनाकाल : 28.08.1991