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+ | * [[धर गए मेंहदी रचे / किशन सरोज]] | ||
+ | * [[कर दिए लो आज गंगा में प्रवाहित / किशन सरोज]] | ||
+ | * [[नागफनी आँचल में बान्ध सको तो आना / किशन सरोज]] | ||
+ | * [[मन की सीमा के पास-पास / किशन सरोज]] | ||
+ | * [[छोटी से बड़ी हुई तरूओं की छायाएँ / किशन सरोज]] |
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किशन सरोज
जन्म | 30 जनवरी 1939 |
---|---|
निधन | 08 जनवरी 2020 |
जन्म स्थान | बलियाग्राम, बरेली, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
चन्दन वन डूब गया (गीत-संग्रह, 1986), बना न चित्र हवाओं का (गीत-संग्रह, 2006) | |
विविध | |
2004 में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का साहित्य भूषण सम्मान। | |
जीवन परिचय | |
किशन सरोज / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- गीत कवि की व्यथा १ / किशन सरोज
- गीत कवि की व्यथा २ / किशन सरोज
- ताल सा हिलता रहा मन / किशन सरोज
- कसमसाई देह फिर चढ़ती नदी की / किशन सरोज
- नदिया के किनारे / किशन सरोज
- तुम निश्चिन्त रहना / किशन सरोज
- नींद सुख की फिर हमें सोने न देगा / किशन सरोज
- नीलाभ जल / किशन सरोज
- अनसुने अध्यक्ष हम / किशन सरोज
- बड़ा आश्चर्य है / किशन सरोज
- हार गये वन / किशन सरोज
- बना न चित्र हवाओं का / किशन सरोज
- बादल-बादल भटकाया हमको / किशन सरोज
- झुके फाइलों पर / किशन सरोज
- बीत चला यह जीवन सब / किशन सरोज
- ज्योँ रजनीगन्धा / किशन सरोज
- एक जुगनू – सा / किशन सरोज
- नावें थक गयीं / किशन सरोज
- नींद सुख की / किशन सरोज
- चन्दन-बन डूब गया / किशन सरोज
- ज्यों रजनीगन्धा खिले पराए आँगन में / किशन सरोज
- गुलाब हमारे पास नहीं / किशन सरोज
- गालियाँ, गोलियाँ सब ओर हमेशा की तरह / किशन सरोज
- महक उठे गांव-गांव / किशन सरोज
- नीम-तरू से फूल झरते हैं / किशन सरोज
- बाँह फैलाए खड़े, निरुपाय / किशन सरोज
- और कब तक / किशन सरोज
- धर गए मेंहदी रचे / किशन सरोज
- कर दिए लो आज गंगा में प्रवाहित / किशन सरोज
- नागफनी आँचल में बान्ध सको तो आना / किशन सरोज
- मन की सीमा के पास-पास / किशन सरोज
- छोटी से बड़ी हुई तरूओं की छायाएँ / किशन सरोज