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"मन घनश्याम हो गया / राम सनेहीलाल शर्मा 'यायावर'" के अवतरणों में अंतर

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लेकिन मेरा नाम हो गया
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वे कालिख पीकर भी उजले
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वक्त स्वयं बदनाम हो गया
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अल्प विराम मृत्यु को जग ने
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समझा पूर्ण विराम हो गया
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सब गुलाम राजा बन बैठे
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राजा मगर गुलाम हो गया
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तुम ने आँखों से क्या ढाली
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'यायावर' ख़ैयाम हो गया
 
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18:53, 15 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण

जब से मन घनश्याम हो गया
तन वृंदावन धाम हो गया

राधा के मुख से जो निकला
वही कृष्ण का नाम हो गया

तन की तपन मिली है तन को
जख़्मों में आराम हो गया

प्रीति रही बदनाम सदा से
लेकिन मेरा नाम हो गया

वे कालिख पीकर भी उजले
वक्त स्वयं बदनाम हो गया

तुम ने जिस क्षण छुआ दृष्टि से
सारा जग अभिराम हो गया

अल्प विराम मृत्यु को जग ने
समझा पूर्ण विराम हो गया

सब गुलाम राजा बन बैठे
राजा मगर गुलाम हो गया

तुम ने आँखों से क्या ढाली
'यायावर' ख़ैयाम हो गया