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"क्या साल पिछला दे गया? / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर

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क्या साल पिछला दे गया?
 
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जो नित्य जीवन में रहीं,
 
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नव रूप में मैंने सहीं,
 
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पर हो असह्या उठीं कई परिचित निगाहों की दया!
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पर हो असह्य उठीं कई परिचित निगाहों की दया!
 
क्या साल पिछला दे गया?
 
क्या साल पिछला दे गया?
  

04:23, 2 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

क्या साल पिछला दे गया?

कुछ देर मैं पथ पर ठहर,
अपने दृगों को फेरकर,
लेखा लगा लूँ काल का जब साल आने को नया!
क्या साल पिछला दे गया?

चिंता, जलन, पीड़ा वही,
जो नित्य जीवन में रहीं,
नव रूप में मैंने सहीं,
पर हो असह्य उठीं कई परिचित निगाहों की दया!
क्या साल पिछला दे गया?

दो-चार बूँदें प्यार की
बरसीं, कृपा संसार की,
(हा, प्यास पारावार की)
जिनके सहारे चल रही है जिंदगी यह बेहया!
क्या साल पिछला दे गया?