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"आस्था-5 / राजीव रंजन प्रसाद" के अवतरणों में अंतर

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'''आस्था -५'''<br />
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तुमनें<br />
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|रचनाकार=राजीव रंजन प्रसाद
बहते हुए पानी में<br />
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|संग्रह=
मेरा ही तो नाम लिखा था<br />
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}}
और ठहर कर हथेलियों से भँवरें बना दीं<br />
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आस्थायें अबूझे शब्द हो गयी हैं<br />
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<poem>
मिट नहीं सकती लेकिन..<br />
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तुमने
 
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बहते हुए पानी में
 
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मेरा ही तो नाम लिखा था
'''आस्था -६'''<br />
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और ठहर कर हथेलियों से भँवरें बना दीं
 
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आस्थायें अबूझे शब्द हो गई हैं
मेरे कलेजे को कुचल कर<br />
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मिट नहीं सकती लेकिन..
तुम्हारे मासूम पैर ज़ख्मी तो नहीं हुए?<br />
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</poem>
मेरे प्यार<br />
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मेरी आस्थायें सिसक उठी हैं<br />
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इतना भी यकीं न था तुम्हें<br />
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कह कर ही देखा होता कि मौत आये तुम्हें<br />
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कलेजा चीर कर<br />
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तुम्हें फूलों पर रख आता..<br />
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15:58, 30 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण

तुमने
बहते हुए पानी में
मेरा ही तो नाम लिखा था
और ठहर कर हथेलियों से भँवरें बना दीं
आस्थायें अबूझे शब्द हो गई हैं
मिट नहीं सकती लेकिन..