भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सूचना / दुष्यंत कुमार" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
छो ("सूचना / दुष्यंत कुमार" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (बेमियादी) [move=sysop] (बेमियादी)))
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=सूर्य का स्वागत / दुष्यंत कुमार
 
|संग्रह=सूर्य का स्वागत / दुष्यंत कुमार
 
}}
 
}}
 
+
{{KKCatKavita‎}}
कल माँ ने यह कहा –<br>
+
<poem>
कि उसकी शादी तय हो गयी कहीं पर,<br>
+
कल माँ ने यह कहा –-
मैं मुसकाया वहाँ मौन<br>
+
कि उसकी शादी तय हो गई कहीं पर,
रो दिया किन्तु कमरे में आकर<br>
+
मैं मुसकाया वहाँ मौन
जैसे दो दुनिया हों मुझको<br>
+
रो दिया किन्तु कमरे में आकर
मेरा कमरा औ' मेरा घर ।<br><br>
+
जैसे दो दुनिया हों मुझको
 +
मेरा कमरा औ' मेरा घर ।
 +
</poem>

12:48, 30 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण

कल माँ ने यह कहा –-
कि उसकी शादी तय हो गई कहीं पर,
मैं मुसकाया वहाँ मौन
रो दिया किन्तु कमरे में आकर
जैसे दो दुनिया हों मुझको
मेरा कमरा औ' मेरा घर ।