भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"प्रेम: एक परिभाषा / प्रभाकर माचवे" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) छो ("प्रेम: एक परिभाषा / प्रभाकर माचवे" सुरक्षित कर दिया [edit=sysop:move=sysop]) |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
<poem> | <poem> | ||
प्रेम क्या किसी मृदूष्ण स्पर्श का भिखारी? | प्रेम क्या किसी मृदूष्ण स्पर्श का भिखारी? | ||
− | |||
::प्रेम वो प्रपात | ::प्रेम वो प्रपात | ||
::गीत दिवारात | ::गीत दिवारात | ||
::गा रहा अशान्त | ::गा रहा अशान्त | ||
प्रेम आत्म-विस्मृत पर लक्ष्य-च्युत शिकारी । | प्रेम आत्म-विस्मृत पर लक्ष्य-च्युत शिकारी । | ||
− | |||
::प्रेम वह प्रसन्न | ::प्रेम वह प्रसन्न | ||
::खेत में निरन्न | ::खेत में निरन्न |
20:11, 4 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
प्रेम क्या किसी मृदूष्ण स्पर्श का भिखारी?
प्रेम वो प्रपात
गीत दिवारात
गा रहा अशान्त
प्रेम आत्म-विस्मृत पर लक्ष्य-च्युत शिकारी ।
प्रेम वह प्रसन्न
खेत में निरन्न
दुर्भिक्षावसन्न
सृजक कृषक खड़ा दीन अन्नाधिकारी ।