भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"झूठ / अनिल धमाका" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह=खिलखिलाहट / काका हाथरसी | |संग्रह=खिलखिलाहट / काका हाथरसी | ||
}} | }} | ||
+ | {{KKCatKavita}} | ||
<poem> | <poem> | ||
मंत्री जी से पूछा गया- | मंत्री जी से पूछा गया- |
01:59, 30 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
मंत्री जी से पूछा गया-
‘अपने जीवन का
कोई महत्त्वपूर्ण झूठ बताइए।’
वो बोले-
‘मेरे भाषणों की
प्रतियाँ ले जाइए।’