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|रचनाकार=असद ज़ैदी
 
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19:06, 8 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

जो सभ्यता
तालों की ताकत पर टिकी है
लटकता है एक रोज़ उस पर
एक बहुत बड़ा ताला