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"हे गोविन्द राखो शरन / भजन" के अवतरणों में अंतर
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21:06, 18 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
हे गोविन्द हे गोपाल
हे गोविन्द राखो शरन
अब तो जीवन हारे
नीर पिवन हेत गयो सिन्धु के किनारे
सिन्धु बीच बसत ग्राह चरण धरि पछारे
चार प्रहर युद्ध भयो ले गयो मझधारे
नाक कान डूबन लागे कृष्ण को पुकारे
द्वारका मे सबद दयो शोर भयो द्वारे
शन्ख चक्र गदा पद्म गरूड तजि सिधारे
सूर कहे श्याम सुनो शरण हम तिहारे
अबकी बेर पार करो नन्द के दुलारे