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"ममता से करुणा से / कैलाश गौतम" के अवतरणों में अंतर

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ममता से, करुणा से, नेह से दुलार से
 
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घाव जहाँ भी देखो, सहलाओ प्यार से ।
घाव जहां भी देखो, सहलाओ प्यार से।
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नारों से भरो नहीं
 
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भरो नहीं वादों से
 
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गीतों-संवादों से
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हो जाएँगे पठार शर्तिया कछार से ।
 
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कोई अँधियारे में
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दीये की तरह जलो
 
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घर के गलियारे में  
 
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लड़ो आर-पार की लड़ाई अंधकार से ।
 
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राह बनो जंगल में
 
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लहरों में नाव बनो
 
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सेतु बनो दलदल में
 
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प्यासों की प्यास हरो पानी की धार से ।
प्यासों की प्यास हरो पानी की धार से।
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13:21, 4 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

ममता से, करुणा से, नेह से दुलार से
घाव जहाँ भी देखो, सहलाओ प्यार से ।

नारों से भरो नहीं
भरो नहीं वादों से
अंतराल भरो सदा
गीतों-संवादों से
हो जाएँगे पठार शर्तिया कछार से ।

भटके ना राहगीर
कोई अँधियारे में
दीये की तरह जलो
घर के गलियारे में
लड़ो आर-पार की लड़ाई अंधकार से ।

हाथ बनो, पैर बनो
राह बनो जंगल में
लहरों में नाव बनो
सेतु बनो दलदल में
प्यासों की प्यास हरो पानी की धार से ।