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"एक बुरुन्श कहीं खिलता है / हरीशचन्द्र पाण्डे" के अवतरणों में अंतर
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खून को अपना रंग दिया है बुरूंश ने | खून को अपना रंग दिया है बुरूंश ने | ||
बुरूंश ने सिखाया है | बुरूंश ने सिखाया है | ||
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बुरूंश आ गया है | बुरूंश आ गया है | ||
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03:41, 3 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
खून को अपना रंग दिया है बुरूंश ने
बुरूंश ने सिखाया है
फेफड़ों में भरपूर हवा भरकर
कैसे हंसा जाता है
कैसे लड़ा जाता है
ऊंचाई की हदों पर
ठंडे मौसम के विरूदद्य
एक बुरूंश कही खिलता है
खबर पूरे जंगल में
आग की तरह फैल जाती है
आ गया है बुरूंश
पेड़ों में अलख जगा रहा है
कोटरों में बीज बो रहा है पराक्रम के
बुरूंश आ गया है
जंगल में एक नया मौसम आ रहा है