भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पिता-4 / चंद्र रेखा ढडवाल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चंद्र रेखा ढडवाल |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> '''पिता (चार)'' …) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
||
(एक अन्य सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
}} | }} | ||
{{KKCatKavita}} | {{KKCatKavita}} | ||
+ | {{KKAnthologyPita}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | '''पिता (चार)'' | + | '''पिता (चार)''' |
− | पिता मेरी विवशता देखो | + | पिता ! |
+ | मेरी विवशता देखो | ||
मेरे अभियान के रास्तों का पता तुम हो | मेरे अभियान के रास्तों का पता तुम हो | ||
उन पर क़दम-क़दम बढ़ते पैरों का | उन पर क़दम-क़दम बढ़ते पैरों का |
00:55, 19 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
पिता (चार)
पिता !
मेरी विवशता देखो
मेरे अभियान के रास्तों का पता तुम हो
उन पर क़दम-क़दम बढ़ते पैरों का
हौसला तुम हो
और मेरी अभीष्ट भी
तुम ही हो.