Changes

|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<Poem>
"जिसे बुहार कर रख दिया उसे कहीं सम्भाल कर भी रक्खा या नहीं ?
"और हाँ, ये तीलियाँ मुझे सिर्फ़ सिगरेट जलाने के लिए ही नहीं चाहिए होतीं ।
समझीं !"
 
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits